कापीराइट गजल
वो ढूंढ़ते हैं ख्वाब में, सरकार कहां है
नफरतों के महल में अब प्यार कहां है
राजनीति में जायज, होती है हरेक बात
कुर्सी के सिवा इनको सरोकार कहां है
सेक्युलर हो गई है हर चीज आजकल
वो सहिष्णुता के सारे पैरोकार कहां हैं
वो कर रहे हैं रोज घोटालों पे घोटाले
और पूछते हैं हमसे
भ्रष्टाचार कहां है
वो करते हैं झूठे वादे
हरदम चुनाव में
विकास की हाथ में ये
पतवार कहां है
मंहगाई की चक्की में पिस रही जनता
जनता की उन्हें अब दरकार कहां है
चुनावों के बाद सब ये
हो जाएंगे गायब
वापिस बुलाने का ये
अधिकार कहां है
मतलब निकलते ही वो पहचानते नहीं
हमने दिए हैं वोट उन्हें
ये एतबार कहां है
सत्ता की चाबी जिसे मिल गई यादव
इस देश से उस को
इतना प्यार कहां है
- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




