कविता : ऊपर उठो....
यहां गरीब गरीबी से परेशान
अमीर टैक्स से परेशान
जो कुंवारा है शादी न होने से परेशान
जिसका शादी हुआ शादी से परेशान
आदमी औरत से परेशान
औरत आदमी से परेशान
जिसके बच्चे नहीं बच्चे न होने से परेशान
जिसके बच्चे हुए बच्चों से परेशान
जो स्कूल पढ़ने जाते पढ़ाई से परेशान
जो एकज्याम देते एकज्याम से परेशान
जो बेरोजगार हैं बेरोजगारी से परेशान
जो नौकरी करते नौकरी से परेशान
इन परेशानी से ऊपर
उठो आगे को बढ़ो
परेशानी के चक्कर
में कभी मत पड़ो
तभी जा कर
जीवन सफल है
नहीं तो फिर
जीवन विफल है
नहीं तो फिर
जीवन विफल है.......