बरसते हैं बादल क्यों,
फिर फटते हैं बादल क्यों?
ईश्वर के बगल में बैठे,
फिर लोग पानी में बहते क्यों?
बनाते हैं जिंदगी की खातिर,
बन गए क्यों फिर मौत की खातिर?
सैलाब में बहे घर सारे,
बनाए थे किसने, किसकी खातिर?
यह गुनाह किसका,
कौन गुनहगार किसका?
घर उजड़े कई यहाँ,
फैसला था फिर किसका?
डरेगा अब दिल पानी से,
क्या थी दुश्मनी पानी से?
सपनों पे फिरा पानी,
कौन पूछेगा सवाल पानी से?
मंदिर थे कई उस गाँव में,
सितारों की छाँव, देव सोए थे।
माटी बही, सब बह गया है,
बचे हैं देवता उस गाँव में।