ख़ुद से मत कीजिए बातें,
उन्हें ढूॅंढिए उन्हीं से करिए बातें।
इतनी मासूमियत दिखाती है क्यों?
पूछिए क्या सच में इतनी मासूम है वो।
अकेले-अकेले सोचने से उलझने ही बढ़ेगी,
मिल बैठ बात कीजिए तभी तो गुत्थी सुलझेगी।
वो भी मिलेगी ,जवाब भी मिलेंगे,
नए गुलशन में भी कभी तो गुल खिलेंगे।
ग़लतफहमियाॅं घर कर गई है दरमियां आपके,
ख़ामोशियाॅं मिटाओ और दूर करो उन्हें साथ मिलके।
💐 रीना कुमारी प्रजापत 💐