रिश्ते नातों में उलझता आदमी
रोज जीता रोज मरता आदमी•
ख्वाहिशों की लंबी श्रृंखला ले
सिर्फ धन को तरसता आदमी •
भाई वही जानी दुश्मन हो गया
जिसपे जान छिड़कता आदमी •
सच को पूछता है कौन यहाँ पे
झूंठ पर है खूब फलता आदमी •
दास बदलो व्यर्थ की ये नुमाइश
अब रिवाजों में बिखरता आदमी•
वफ़ा बेवफा का फर्क नहीं कुछ
महज मुजरों पे फिसलता आदमी •