बेकरारी तुमसे है, करार भी तुम्ही से है
मीत मेरे बोलो ना, क्या अजब पहेली है
नजरें भी तुमपर हैं, छुपते भी तुमसे हैं
मीत मेरे बोलो ना, क्या अजब पहेली है
इश्क इक तुम्ही से है, रार भी तुम्ही से है
मीत मेरे बोलो ना, क्या अजब पहेली है
रूठते भी तुमसे हैं, मानते भी तुमसे हैं
मीत मेरे बोलो ना, क्या अजब पहेली है
दिल्लगी भी तुमसे है, प्यार भी तुम्ही से है
मीत मेरे बोलो ना, क्या अजब पहेली है
हँसते भी तुमपर हैं, हँसते भी तुमसे हैं
मीत मेरे बोलो ना, क्या अजब पहेली है
जीते भी तुमसे हैं, मरते भी तुमपर हैं
मीत मेरे बोलो ना, क्या अजब पहेली है
----डाॅ सुकृति घोष
ग्वालियर मध्यप्रदेश