इंसान की जिन्दगी बेहतर बना सकते काश
किसी आंख के आंसू चुरा सकते काश
इरादे तो सबके नेक पर दिल तक महदूद हैं
नेकियों को नाखुदा बना सकते काश
बड़ी मुद्द्त से सोए नहीं गहरी चैन की नींद
सिर पर माँ का हाथ पा सकते काश
गोद में बच्चा मचलता मुस्कराता उछलता है
बड़ा प्यारा है माँ को बता सकते काश
आज का जमाना बस झूंठ पर टिका है दास
सच को राजगद्दी पे बिठा सकते काश

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




