टूटना एक स्वाभाविक क्रिया है,
सृजन और विनाश की प्रक्रिया है।
अंतर है तो बस टूटने के तरीके का,
आंतरिक या बाह्य बल से।
बाह्य बल से टूटा तो होगा नष्ट,
सृजन करता आंतरिक बल से टूटना।
मानव पर भी यही नियम लागू होता है,
विचार कीजिए टूटना अब कैसे है?
बाह्य या आंतरिक तरीके से।
🖊️सुभाष कुमार यादव