आज तेरी आँखो मे
जैसे खुद को देखा
आईना भी शर्माता ऐसा
चेहरे पे तेरे नूर देखा
बदलते इस सादगी मे
तुझ मे अपना खुदा देखा
देखा तुझे कयी बार मगर
ऐसा बदलता रूप ना देखा
आँखो के इन शरारतो मे
ऐसा तेरा संग ना देखा
देखा तुझे कयी बार मगर
आँखो का युं पैगाम ना देखा


The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra
The Flower of Word by Vedvyas Mishra







