जिस - जिस पर भी मैंने किया विश्वास,
हर उसने मेरे साथ विश्वासघात किया है।
दोस्त, दुश्मन, अपने और पराए,
हर किसी ने मुझे धोखा दिया है।
वो अपनी हर झूठी बात पर हमे विश्वास दिलाते रहे हैं,
और हम नादान उस कमबख़्त को अपनी
कमज़ोरियां बताते रहे हैं।
इसी का फायदा उठाया उसने और लूट लिया हमे,
और हम अब भी उससे अपनी अमानत को
वापस करने की आस लगाते रहे हैं।
हर किसी ने छला है हमे,
किसी ने भी नहीं छोड़ा है हमे।
हम नादान थे नादान है और नादान ही बने रहे,
इसीलिए तो सभी ने दगा दिया है हमे।
💐✍️ रीना कुमारी प्रजापत ✍️💐
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




