हमारी सांसे,
तुम्हारी सांसे,
सबको क्या ले,
एक जिंदगी में,
इसको क्या,
उसको क्या दे।।
मरने से बेहतर है,
थोड़ा जी लें
थोड़ा क्या जिएं,
जिंदगी अपनी है,
आओ पूरा जी लें।।
घर में तुम रहते हो,
घर में हम रहते हैं,
बस ये सुकून है कि,
दोनों के फासले मिलते हैं।।
- ललित दाधीच।।