कविता : मैं आप और वो....
भले ही मैंने उस के साथ
कई रातें कटी है
मगर आप का शरीर उस से भी
सुन्दर और ब्यूटी है
भले ही मैंने उस के साथ
कई बार घुमा है
मगर आप को तो मैंने
कई बार चूमा है
भले ही उस के साथ
मेरा कुछ कुछ है
मगर आप के साथ तो
मेरा सब कुछ है
भले ही उस को भी
मैं चाहता हूं
मगर आप के दिल में तो मैं
हमेशा रहता हूं
भले ही उस के घर
मेरा आना जाना है
मगर सारी जिंदगी तो मैंने
आप के साथ निभाना है
भले ही उस के साथ
मैं फसा हूं
मगर मैं तो आप के दिल
में ही बसा हूं
भले ही आज
वो मेरी दीवानी हो
मगर आप तो
मेरे दिल की रानी हो
भले ही मेरी ख्वाइश
उस से पूरी है
मगर आप के बगैर मेरी
जिंदगी अधूरी है
मगर आप के बगैर मेरी
जिंदगी अधूरी है.......
netra prasad gautam