कापीराइट गजल
ट्रम्प की हाय तौबा
ऐसा, जख्म दिया, भारत ने, भूल नहीं पाऊंगा मैं
टैरिफ और प्रतिबंधों से रोज तुम्हें धमकाऊंगा मैं
पाक को तूने ढ़ेर किया, मुझको लहुलुहान किया
आपरेशन सिन्दूर के बदले तेरी वाट लगाऊंगा मैं
इस पाक के सारे आतंकी, हमने ही पाले पौसे थे
इन्हीं आस्तीन के सांपों से, तुमको डसवाऊंगा मैं
मैं अब दूंगा जख्म हजार तुझे रोज नए झटकों से
तेरे नए-नए घावों पर, रोज नमक छिङकाऊंगा मैं
पाक की है औकात कहां, परमाणु बम बनाने की
नूर खान के अड्डे में, ना फिर से, इन्हें छुपाऊंगा मैं
तेल खरीदना बहाना था, तुम्हें सबक सिखाने का
ट्रेड डील में अब सारी, यह शर्ते भी मनवाऊंगा मैं
चारों और से घेरूंगा तुझे अपने चमचों से मिलके
तेरे, अपने जयचंदों से, तुम को ही लङवाऊंगा मैं
ऐसा खेल करूंगा मैं सिसक कर तुम रह जाओगे
तुमको खेल नया यादव, आगे भी दिखलाऊंगा मैं
- लेखराम यादव
(मौलिक रचना)
सर्वाधिकार अधीन है