तग़ाफ़ुल जो किया उसने मुझे बेसबब, तो क्या हुआ
सिलसिला है दिल टूटने का यहां मेरा टूटा, तो क्या हुआ
बे-वफ़ाओं से वफ़ा करने की फ़ितरत है मेरी फिर भी
सपने टूटे ख़्वाहिशें बिखरी साथ भी छूटा, तो क्या हुआ
शिकवा नहीं है लब पर मेरे हंसी सितम के लिए
बनने से पहले हीं आशियांँ किसी ने लूटा, तो क्या हुआ