थोड़ा सा उजाला मिल जाए
खड़ी हूँ जिस मोड़ पर,
उसका कोई रास्ता मिल जाए।
उतर सके खरे सोने की तरह,
ऐसा कोई दीवाना मिल जाए।
कोशिश है उस मंजिल को पाने कि,
जिसमें थोड़ा सा अंधेरा है,
बस मन्नत करती हूँ कि,
थोड़ा सा उजाला मिल जाए।।
- सुप्रिया साहू