दर्द जब बे-हिसाब होता हे
रूह को भी इंतजार होता हे
पढ़े-अनपढ़ सभी का ये आलम हे
कभी ना कभी बे-नकाब होता हे
चांद चांदनी को समजाता हे
सूरज गरम मिज़ाज होता हे
मजा आता नहीं अब महफ़िलो में
आशिको का बड़ा शौर होता हे
शायरी गजल हम लिखते हे
पर दिल खुद किताब होता हे
के बी सोपारीवाला