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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

तेरी याद आई है

कापीराइट गीत

एक संदेशा, प्यार का, ये, आज, लाई है
आ जा, अय, महबूब, तेरी, याद आई है

आज न जाने क्यूं मेरा दिल दीवाना डोल गया
कोई मेरे कानो में जैसे मिसरी घोल गया
आज न जाने क्यूं तेरी, मुझे याद आई है
अरे आ जा, अय, महबूब, तेरी, याद आई है


चैन चुरा लेती हैं मेरा, रातों में मेरी नींदें
छू जाती हैं दिल को बारिश की मीठी बूंदें
देख मेरे घर चल कर ये बरसात आई है
आ जा, अय, महबूब, तेरी याद आई है


आती हो तुम बनके दुल्हन मेरे सपनों में
रोज उठाता हूं तेरा घूंघट अपने सपनों में
अब ख्वाब सुहाने ले कर ये रात आई है
आ जा, अय, महबूब, तेरी याद, आई है

       - लेखराम यादव
( मौलिक रचना )


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (7)

+

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

बहुत सुंदर गीत , मधुर मधुर एहसास, पढ़ते पढ़ते हम भी गुनगुनाने लगे,आ जा अय महबूब तेरी याद आई है...…....... यादव जी नमस्कार!

Lekhram Yadav replied

आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद समदिल जी, आपको सादर नमस्कार

सुभाष कुमार यादव said

बहुत सुंदर गीत।👌👌👌

Lekhram Yadav replied

बहुत बहुत शुक्रिया यादव जी, आपको सादर नमस्कार

श्रेयसी said

हमेशा की तरह लाजवाब सुप्रभात सादर प्रणाम लेखराम भैया 🙏🙏 बहुत दिनों बाद आपकी रचना पढ़ने को मिली।

Lekhram Yadav replied

आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद मेरी प्यारी बहना, आपको सादर नमस्कार। आजकल गांव में हूं, यहां नेटवर्क बहुत कम मिलता है।

Supriya sahu said

बहुत खूबसूरत एवं लाज़वाब रचना गीत सर जी👌👌, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

Lekhram Yadav replied

आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद सुप्रिया जी, आपको सादर नमस्कार

वन्दना सूद said

बहुत खूब sir 🙌🏻🙌🏻👌👌👏👏शानदार

Lekhram Yadav replied

Thanks so much mam, wishing you a happy good evening.

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Bahut hi pyara geet anandit hogaya padhkar... Aapko Saadar Pranam Adarneey Sir ji...💐💐🙏🙏

Lekhram Yadav replied

शुक्रिया जनाब।

कमलकांत घिरी said

बहुत ही सुंदर गीत सर जी, हर एक पंक्ति प्रेम रस से भरा हुआ है 👌🙌👏🙏 आपको मेरा सादर प्रणाम सर जी 🙏

Lekhram Yadav replied

धन्यवाद कमलकांत भाई।

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