तीन चोर माल ले गए,
झोपड़ी से।
लोटे और थाल ले गए।
बेचकर लोटे और थाल,
हो गए मालामाल।
गरीब की हाय, पड़ी ऐसी।
कि हाल बेहाल हो गए।
ढूंढता फिरता है,
पानी के लिए लोटा।
हाथ डाला जैसे ही झोले में,
झोला भी निकाल फटा।
अब सिर पीटते हैं तीनों धुरंधर,
जो अब है काला पानी के अंदर।