कितने मौसम बदले, कितने सपने टूटे,
पर एक तेरी याद है—जो हर बार नई होकर छू ले।
कभी धूप बनकर, कभी छाँव बनकर,
कभी खामोश रातों की धीमी आवाज़ बनकर।
तू मिले न मिले, पर दिल तेरी राहों से जुड़ा रहता है,
जैसे कोई दरिया अपने किनारों से वफ़ा निभाता है।
तेरी मुस्कुराहट—एक छोटा-सा चमत्कार,
जिससे मेरी दुनिया अचानक रोशन हो जाती है हर बार।
मैंने तुझे दूरी से देखा है, पर पास से महसूस किया है,
तेरे जाने के बाद भी तेरे होने का एहसास जिया है।
तूने शायद कभी न सोचा होगा,
कि तेरी एक नज़र से मेरा अधूरा वक़्त भी पूरा हो जाता है।
तेरी यादें—कभी हल्की-सी बारिश की तरह बरसती हैं,
कभी किसी पुराने गीत की तरह धीमे-धीमे दिल में धड़कती हैं।
मैंने उन्हें सँभालकर रखा है,
जैसे कोई किसान पहली बूँदों को हथेलियों पर रखता है।
मोहब्बत मेरे लिए तेरा नाम है—
एक ऐसा लम्हा जो समय से बाहर है,
एक ऐसी धड़कन जो सिर्फ़ दिल से दिल तक जाता रास्ता जानती है।
अगर तू कभी लौटकर आए,
तो मैं तुझे दिखाऊँगा कि इंतज़ार कैसे इबादत बन जाता है,
और मोहब्बत कैसे बिना कुछ माँगे
सब कुछ दे जाती है।
तेरी मौजूदगी का मौसम मेरे चारों ओर बसा है—
बिना आए भी तू हर जगह मौजूद है,
मेरी साँसों में, मेरी ख़ामोशियों में,
मेरी नज़्मों में…
और शायद मेरी ज़िंदगी में भी।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




