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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

तुम्हारी मोहब्बत से ज़िन्दा हैं यारा - प्रेम💖गीत - वेदव्यास मिश्र

तुम्हारी मोहब्बत से जिन्दा हैं यारा,
इक बस तुम्हारे तलबगार हैं हम !!
तुम जो न बसते दिल में हमारे,
पहचान के होते मोहताज जानम !!

दुनिया से जब भी निराशा है छाती,
तुम्हारी ही थपकी मेरे काम आती !!
है दीया तुम्हारी कज़रारी आँखें,
इनसे ही दिलबर खुशहाल हैं हम !!

है सारी खुशी बस जानम तुम्हीं से,
है सारे नज़ारे खुशदिल तुम्हीं से !!
कर दी है जीवन बस तेरे हवाले,
थे सदियों से तेरे इन्तज़ार में हम !!

- वेदव्यास मिश्र की 💖डेडिकेटेड💖 कलम से


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (9)

+

रीना कुमारी प्रजापत said

बहुत सुंदर प्रस्तुति 👌👌

रीना कुमारी प्रजापत said

एक बात बताइएगा भाईसाहब वैसे पूछना तो नहीं चाहिए पर पूछ रही हूं कि तानिया जी की अभी कोई खोज खबर है वो कहां है कैसी है....? Sorry लेकिन, अगर आप ना बताना चाहे तो ok

रीना कुमारी प्रजापत said

और आपका यात्रा संस्मरण आपके सामने वाली सीट के ऊपर जो भाईसाहब बैठे थे उनकी स्थिति पर मुझे बहुत हंसी आ रही है, मैंने ये संस्मरण कल पढ़ा था लेकिन अभी तक मेरी हंसी नहीं रुक पा रही है।और वो वाकय देवी ही थी जिसने आपको अपना भाई समझ बहन की तरह आपकी मदद की और आपके उस सपने ने तो बहुत भावुक कर दिया...

वेदव्यास मिश्र said

रीना कुमारी प्रजापत जी, स्वागतम वेलकम नमन आभार 🙏🙏

वेदव्यास मिश्र said

रीना कुमारी प्रजापत जी, तानिया जी से दोबारा मुलाकात नहीं हो पाया मगर सच कहूँ तो कभी भूल न पाया !! मुझे नहीं पता था कि अगर दिल में सच्ची-मुच्ची का प्रेम हो तो भाव खाने की जरूरत क्या थी !! मुझे चिढ़ाने के लिए दूसरे आवारा लड़के के साथ खेलना !! मेरे द्वारा प्रेम का इजहार करने पर नखरे दिखाना..मम्मी-पापा को बताने की धमकी देना और बाद में बीमार पड़ना..क्या कहें प्यार की नादानी कभी-कभी प्यार को पनपने नहीं देता !! ये भी सच है..लाइफ में तो राखी मिश्रा ही थीं..जिन्होंने इस कहानी को पढ़ा भी और छापने की हिम्मत भी दीं !! अच्छा ये लगा कि मैंने पूरी हिम्मत से सच लिखा !! मेरी किताब पढ़ने के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया !! 💖💖

वेदव्यास मिश्र said

रीना कुमारी प्रजापत जी, ये सचमुच हुआ है और हुबहू जस का तस हुआ है !! हालत खराब थी बेचारे की !! उसे देखकर तो ऐसा लग रहा था जैसे वो अपना उतरने वाला स्टेशन ही भूल चुका हो 😍😍 कटनी में उतरते समय उससे जब हाथ मिलाया तो उसका शरीर तप रहा था बुखार से..ज्यादा कुछ नहीं बोला उसे और मैं उतर गया !! काश..वो भी कहीं से मेरी लेख को पढ़ लें 💖💖

रीना कुमारी प्रजापत said

मुझे तो ऐसा लग रहा है भाईसाहब कि आपके स्टेशन से पहले ही उनका स्टेशन होगा पर वो इन सब चक्करों में भूल गए होंगे अपने स्टेशन पर उतरना😀😀 सही कहा आपने कि लाइफ में तो राखी मिश्रा जी ही थी 👌👌 बहुत अच्छी जोड़ी है आपकी ये जोड़ी हमेशा सलामत रहे 🙏🙏

वेदव्यास मिश्र said

रीना कुमारी प्रजापत जी, वो भी मेरी लेख को पढ़ लें..का मतलब वो देवी समान महिला जिन पर मेरी नीयत फिसल गई थी ..शायद उम्र का अल्हड़पन था मेरा या बचकानापन !! मगर उतरते समय श्रद्धा का भाव था उनके प्रति 🙏🙏

वेदव्यास मिश्र said

रीना कुमारी प्रजापत जी, सधन्यवाद आभार मैम आपकी उत्तम समीक्षा के लिए !!

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