तुम्हारी मोहब्बत से जिन्दा हैं यारा,
इक बस तुम्हारे तलबगार हैं हम !!
तुम जो न बसते दिल में हमारे,
पहचान के होते मोहताज जानम !!
दुनिया से जब भी निराशा है छाती,
तुम्हारी ही थपकी मेरे काम आती !!
है दीया तुम्हारी कज़रारी आँखें,
इनसे ही दिलबर खुशहाल हैं हम !!
है सारी खुशी बस जानम तुम्हीं से,
है सारे नज़ारे खुशदिल तुम्हीं से !!
कर दी है जीवन बस तेरे हवाले,
थे सदियों से तेरे इन्तज़ार में हम !!
- वेदव्यास मिश्र की 💖डेडिकेटेड💖 कलम से
सर्वाधिकार अधीन है