सुनिए दोस्तों
चलिए आज कुछ नया करते हैं
दर्द की भावनाओं से बाहर निकल
आज कुछ नया लिखते हैं
जो नहीं मिला
जो खो दिया
वो रोज़ गिनते हैं
आज जो मिला है
उसका शुकराना करते हैं
क्या पाया है हमने अज़ीज़
आज उसको ब्याँ कर
उसके लिए कृतज्ञ होते हैं
चलिए छोड़ देते हैं
आज के लिए भावनाओं के समुंदर को
खुदा को याद कर दिल से उन्हें शुक्रिया करते हैं ..
वन्दना सूद
सर्वाधिकार अधीन है