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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

तेरी बाहों में

आंखों को चैन मिलता है
तेरी जुल्फों की छांवों में
दिल को सुकून मिलता है
तेरी सोख निगाहों में
पतझड़ सावन बसंत बहार
मौसमों में रक्खा क्या है
सारे मौसम का मौसम
समाया तेरी बाहों में।


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सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (9)

+

वन्दना सूद said

ग़ज़ब sir 👏👏👌👌

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

धन्यवाद वंदना जी

पवन कुमार "क्षितिज" said

बात बहुत आगे तक चली गई है दिल की 😅

सुभाष कुमार यादव said

वाह! 👌👌

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

पवन जी, सुभाष जी, धन्यवाद

रीना कुमारी प्रजापत said

क्या बात है बहुत खूब 👌🙏

श्रेयसी said

वाह लाजवाब रचना सादर प्रणाम 🙏🙏

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

रीना जी, श्रेयसी जी धन्यवाद

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

बहुत ही खूबसूरत एहसास है इस शायरी में, जिसमें हर मौसम भी तेरी बाहों की गर्माहट से खास लगने लगता है। दिल को सुकून और आंखों को चैन, यही तो असली मोहब्बत है। - सादर प्रणाम 🙏🙏

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