तेरे साथ चलूं तो लगे रास्ता है,
तेरे बिना हर मोड़ बस फासला है।
तेरी हँसी में है मौसम का जादू,
तेरे बिना सब कुछ ही सूना-सदा है।
तेरी बात चुप है, मगर कह रही है,
सुनता हूं मैं, ये जो कुछ भी कहा है।
छोटी सी बातों में तू खो गया है,
पर दिल को तेरी हर बात पता है।
बिन कहे ही तू जो पास रहता है,
शायद यही इश्क़ का सिलसिला है।
तेरे ख्वाब पलकों पे जब मुस्कराए,
तो लगता है सारा जहां बस तेरा है।
कुछ नाम तेरा, कुछ खामोशियां थीं,
इन दोनों के दरमियाँ ही वफ़ा है।
अब तक जो भी कहा, वो कम ही लगा,
तेरे साथ है तो… हर लम्हा क़सीदा है।
- ललित दाधीच।।