घर के अन्दर हम तुम शनिवार का दिन।
बाहर होती बारिश अन्दर प्रफुल्लित मन।।
धुंधली यादो को ताजा करने का मौसम।
चाय पकौड़े हो जाते तो बहल जाता मन।।
प्यार करते बहुत पर अलग अलग विचार।
घूमने का इशारा आया लाँग ड्राईव का मन।।
फर्माइश उनकी है गीली सड़के नापने की।
कांच पर वाइपर ताकतें गुजर जाएगा दिन।।
मोहम्मद रफ़ी के गानों की प्ले लिस्ट तैयार।
सुनेंगे चलती कार में 'उपदेश' आएगा अमन।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद