ऐ ज़िंदगी तेरे इश्क़ ने मुझे शायर बना दिया ,
ऐ ज़िंदगी तेरे इश्क़ ने मुझे शायर बना दिया .....
तेरे दर्द और गमों ने मुझे लिखना सीखा दिया।
इस दुनियां में एक तू ही मेरी अपनी है,
जिसने मुझे हटके जीना सीखा दिया।
ऐ ज़िंदगी तेरे इश्क़ ने मुझे शायर बना दिया...
तेरे दिए दर्दों को सहना मुश्किल हो गया ,
तेरे दिए दर्दों को सहना मुश्किल हो गया.........
क्योंकि इन्हें किसी से कहना मुश्किल हो गया।
ना सह पाए और ना ही कह पाए
हम किसी से अपने ग़म,
और जीना मुश्किल हो गया।
ऐ ज़िंदगी तेरे इश्क़ ने मुझे कातिब बना दिया,
ऐ ज़िंदगी तेरे इश्क़ ने मुझे कातिब बना दिया.....
तेरे दर्द और गमों ने मुझे मशहूर कर दिया।
मेरे पंखों को परवाज़ दी और
मुझे मेरी मंज़िल तक पहुंचा दिया ।
ऐ ज़िंदगी तेरे इश्क़ ने मुझे कातिब बना दिया....
तेरी ही है ये मेहरबानियां,
तेरी ही है ये मेहरबानियां.......
कि तूने मुझे जमीं से उठाकर आसमां पर ला दिया,
मुझे उड़ता हुआ एक आज़ाद और
नामी परिंदा बना दिया।
ऐ ज़िंदगी तेरे इश्क़ ने मुझे शायर बना दिया,
ऐ ज़िंदगी तेरे इश्क़ ने मुझे कातिब बना दिया......
{रीना कुमारी प्रजापत}