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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

तेज प्रकाश पांडे जी की अनमोल रचना - प्रिया तेरी आज पूछे

जा रहे हो क्या बताना , धरा तुमसे आज पूछे l
रक्त किसका है गिरा , तपिश से यौवन भी झुलसे l
मांग सूनी आज किसकी ,प्रेम किसका ले विदाई l
बहन किसकी आज ढूंढे , कहा है भैया कलाई l
आज किसकी है जवानी , देखता भूलोक सारा l
भाई जिसकी बाह खोजे , कौन है उसका सहारा l
धन्य है वह पिता जिसका , वंश आँगन सो रहा है l
रो रही है मा विलखती , लाल गोदी का गवाया l
आज चुनरी लिपट रोयी, चूमकर प्रिय का वो माथा l
जा रहे हो क्या बताना , प्रिया तेरी आज पूछे l
जा रहे हो क्या बताना , मेरे जीवन के सहारेl


वीरगाथा मित्र गाए, साथ बचपन का है छूटा l
गरज कर भैया हमारा , शत्रुओं पर जब था टूटा l
कट गया था शीश उसका, हाथ न हथियार छोड़ा l
लाज आई शौर्य को भी , देखकर जौहर अटूटा l
बिजली सा था वह गिरा जब , भूमि रण की किया बंजर l
चमक से उसके बदन की , शान्त दिक दश की प्रभंजन l
क्या हुआ जो नींद आई , शांति से अब सो रहा है l
छोड़ कर जो तू गया है , देख भारत रो रहा है l


नियति के हे प्रभु नियंता , काल के महाकाल सुनलो l
भीख तुमसे आज मांगे , पुष्प वह इस बाग भरदोl
प्रियतमा उसकी पुकारे , वो मेरे श्रृंगार सारे l
चढ़ गए मा भारती के , गढ़ गए बन छितिज तारे l
जा रहे हो क्या बताना , धरा तुमसे आज पूछे l
प्रश्न पूछे प्रिया तुमसे , रह गये थे कभी उलझे l
प्रश्न पूछे लाडला वो, हाथ जिसकी अग्नि उन्मुख l
हे पिता तुम कब उठोगे, लिपट कर गुड़िया ये पूछे l
गाव तेरा देखता है, लाल फिर अब कब मिलोगे l
जा रहे हो क्या बताना , धरा तुमसे जो पूछे l



लो विदाई लाल प्यारे , कलम में भर रक्त स्याही l
रुक गयी वो चलती चलती , गुन को तेरे ना समाईl
ले विदाई हमसे भी अब , वो अमर पथ जाने वाले l
शीश पर रख कर तिरंगा , मृत्यु तुझसे फिर लजायी l
है नमन हे रण के नायक , शोक नाशक लो विदाई l
जा रहे हो शान से अब , विजय श्री की बाह लिपटे l
जा रहे हो क्या बताना ,धरा तुमसे आज पूछे l

तेज प्रकाश पांडे
[सतना मध्य प्रदेश]




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Bahut khubsurat Rachna bahut Sundar Gatha

तेज प्रकाश पांडे said

Aabhar

तेज प्रकाश पांडे said

Yah rachna Desh ke un veer shaheedo ko samarpit ek shabd shrdhanjali hai aap sab gungunaye aur antarman me is vedna ko mahsoos kare aapko apne Desh aur Desh ke jwano se pyar aankho se chhlak jayega

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