जा रहे हो क्या बताना , धरा तुमसे आज पूछे l
रक्त किसका है गिरा , तपिश से यौवन भी झुलसे l
मांग सूनी आज किसकी ,प्रेम किसका ले विदाई l
बहन किसकी आज ढूंढे , कहा है भैया कलाई l
आज किसकी है जवानी , देखता भूलोक सारा l
भाई जिसकी बाह खोजे , कौन है उसका सहारा l
धन्य है वह पिता जिसका , वंश आँगन सो रहा है l
रो रही है मा विलखती , लाल गोदी का गवाया l
आज चुनरी लिपट रोयी, चूमकर प्रिय का वो माथा l
जा रहे हो क्या बताना , प्रिया तेरी आज पूछे l
जा रहे हो क्या बताना , मेरे जीवन के सहारेl
वीरगाथा मित्र गाए, साथ बचपन का है छूटा l
गरज कर भैया हमारा , शत्रुओं पर जब था टूटा l
कट गया था शीश उसका, हाथ न हथियार छोड़ा l
लाज आई शौर्य को भी , देखकर जौहर अटूटा l
बिजली सा था वह गिरा जब , भूमि रण की किया बंजर l
चमक से उसके बदन की , शान्त दिक दश की प्रभंजन l
क्या हुआ जो नींद आई , शांति से अब सो रहा है l
छोड़ कर जो तू गया है , देख भारत रो रहा है l
नियति के हे प्रभु नियंता , काल के महाकाल सुनलो l
भीख तुमसे आज मांगे , पुष्प वह इस बाग भरदोl
प्रियतमा उसकी पुकारे , वो मेरे श्रृंगार सारे l
चढ़ गए मा भारती के , गढ़ गए बन छितिज तारे l
जा रहे हो क्या बताना , धरा तुमसे आज पूछे l
प्रश्न पूछे प्रिया तुमसे , रह गये थे कभी उलझे l
प्रश्न पूछे लाडला वो, हाथ जिसकी अग्नि उन्मुख l
हे पिता तुम कब उठोगे, लिपट कर गुड़िया ये पूछे l
गाव तेरा देखता है, लाल फिर अब कब मिलोगे l
जा रहे हो क्या बताना , धरा तुमसे जो पूछे l
लो विदाई लाल प्यारे , कलम में भर रक्त स्याही l
रुक गयी वो चलती चलती , गुन को तेरे ना समाईl
ले विदाई हमसे भी अब , वो अमर पथ जाने वाले l
शीश पर रख कर तिरंगा , मृत्यु तुझसे फिर लजायी l
है नमन हे रण के नायक , शोक नाशक लो विदाई l
जा रहे हो शान से अब , विजय श्री की बाह लिपटे l
जा रहे हो क्या बताना ,धरा तुमसे आज पूछे l
तेज प्रकाश पांडे
[सतना मध्य प्रदेश]