एक सन्नाटा था
तुम्हारे भीतर
एक सन्नाटा था
मेरे भीतर
एक सन्नाटा था
था बिखरा हुआ
चारों ओर
न तुम थी
न मै था
बस एक एहसास था
चारों ओर
अँधेरा था
बिखरा हुआ
तुम्हारे भीतर
मेरे भीतर
कुछ चिंगारियां थी
कुछ मोमबतियां थी
बुझती हुई
तुम्हारे अंदर
मेरे अंदर
और कुछ
झींगुर चमक
रहे थे अँधेरे में
थी तुम कुछ मेरे भीतर
कुछ मै तुम्हारे भीतर
खोजता रहा मैं खुद को
तुम्हारे भीतर और
तुम खोजती रही मेरे
भीतर
एक तलाश थी
जिसे उजाले ने प्रेम
कहा अँधेरे ने हवस
मगर क्या मिला
तेरे भीतर
और क्या मिला
मेरे भीतर
कुछ राख
कुछ धुआं
क्या था
मेरे अन्दर
क्या था
तुम्हारे अंदर