आज बहुत दिनों बाद तेरे दीदार हुए
फिर सारे सपने सारी ख्वाहिशों के
दिन बहार हुए..
गलियों में तेरी खुशबू आज वैसी हीं है
कदमों की आहट भी वैसी की वैसी हैं
वह पीपल का पेड़ वह कूड़े की ढ़ेर
वो छोटू चाय वाला वो अंकल आइस्क्रीम
वाले वैसे के वैसे हैं ..
हर पग पग पल पल तेरे निशान आज भी
वैसे हीं हैं.. तू नहीं तो फ़र्क तो बहुत है
पर एहसास तेरे होने की अभी भी होती है
छम से तू कहीं से आएगी फिर से
देख कर दिल झूम जाएगा फिर से
पर तू नहीं है कोई बात नहीं तेरे निशां
वैसे के वैसे हैं..
अब अश्कों को बहने नहीं दूंगा
दिल को तड़पने नहीं दूंगा
थाम लिया है इस दिल को अब
इन अश्कों को पी जाऊंगा
तेरी यादों की बारात में
झूम झूम के
तेरी गलियों तेरी हर आहट को
हर निशान हर पल के झूम झूम के..