स्वयम् की पहचान
यदि स्वयम् को तराशना है
तो वक़्त को ही अपना गुरु बना लेना
अपनी कमियों को खूबियों में बदल लेना,
खूबियों को और निखार लेना
समय को जीतने की नहीं उसे हराने की चाह रखना
सुख के बाद दुख,रोशनी के बाद अँधेरा आता ही है
अँधेरे में हताश होकर निराशा को नहीं अपनाना
आशा की ज्योत और अपने कर्म पर विश्वास कभी भी छोड़ना
क्योंकि इतिहास बदलने के लिए एक क्षण ही बहुत होता है ..
-वन्दना सूद
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




