न तो इधर की बात कीजिये,
न तो उधर की बात कीजिये !!
जहाँ से गुजर सकें..
बस वहाँ की बात सोचिये !!
इधर जाकर सोना मिल जायेगा,
कि उधर जाकर हीरा मिल ही जायेगा !!
ये ज़िन्दगी है प्यारे सिर्फ रास्ता ही नहीं,
दो दिन गुजार सको हंसी-खुशी,
बस उन ख़ास दिनों की बात सोचिये !!
क़िस्मतों के नाव पर बैठने से,
मंज़िल मिल ही जाये.. कोई जरूरी तो नहीं !!
बेहतर है जो मिल रहा है अभी ऑफर,
स्वीकार दिल से कीजिये,..,
बैठकर शेखचिल्ली जैसा न सोचिये !!
वेदव्यास मिश्र की समझदारी 💝भरी कलम से..
सर्वाधिकार अधीन है