सुनहरी फुहार
शिवानी जैन एडवोकेट Byss
आकाश से गिरी, सुनहरी फुहार,
हर तरफ़ बिखरा, खुशियों का बहार।
मिट्टी की सोंधी खुशबू, फैली ऐसे,
जैसे चंदन का लेप हो, लगा हुआ जैसे।
तारों से टपकी, सुनहरी बूँदें,
जैसे मोती हों, पिरोई हुई सूँदें।
पेड़ों की डालियाँ, झुकीं ऐसे,
जैसे सोने की हों, लदी हुई वैसे।
ये बारिश लाई, नई उमंग, नया जोश,
हर तरफ़ गूँजा, खुशियों का घोष।
ये बारिश लाई, जीवन का संगीत,
हर दिल में जागे, प्रेम की प्रीत।