एक ऐसी हसीना की कहानी लिखूं
दर्द को मार कातिल वारदात लिखूं
एक ख़ामोश जज़्बात की भाषा लिखूं
तर्को के ख़्यालमें ऊर्जा की किरण लिखूं
रोते पीड़ा का अनुभव लफ्जों में लिखूं
बहकी हुए घड़ी की धारा के भाव लिखूं
लिख लिखकर करूणा का आंसू लिखूं
पोछे कैसे? कौन ? और किस को लिखूं
जगतमें महकते गुलशन की महक लिखूं
अमी भरे जो, वो अमी रस को पैगाम लिखूं
हंसते हुए मुख कि रेखा चित्रण आकृति लिखूं
स्पंदन भरे नैनो की मस्तियों का संदेश लिखूं
प्रतीत होता कुछ भी नहीं तो क्या..क्यों लिखूं
केवल हरी के सिवा कोई नहीं तो क्यो लिखूं
ए दुनियां सुंदर हसीना है उसे नज़राना लिखूं
संवेदना की वो मारी, उसे सिख मैं क्या लिखूं