बादलो को देखकर मन में जो आता किसे मालूम।
जी हाँ बहारो की सैर करके मन आता ऐसा मालूम।।
इंसान की फ़ितरत भींगना चाहे बदलते ख्यालो में।
मन बहक जाये अगर उसका इल्जाम किसे मालूम।।
चाँदनी कल नही आई शायद आज आयेगी 'उपदेश'।
उसके मन की वही जाने अंदाज किया किसे मालूम।।