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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

शेष अभी जलना है

अभी तो शेष जलना है
तपना है खपना है
अग्नि में तपकर
कुन्दन बनना हैं
अभी तो शेष जलना है

अन्दर ज्वालामुखी धधकता
ऊपर बर्फ सी ठंडाई है
ऐसी ठंड ने भी कैसी
आग लगायी है
इस आग में तप कर
कुंदन बनना हैं
अभी तो शेष जलना हैं

दूर दूर तक खाईं है
न पगडंडी
ना राह बनायीं है
राही अनजान राहों पर
इक इक पग धरना है
अभी तो शेष जलना है

मंजिल वर्षों तक जली
इस अग्नि में तपी
तब जाकर सोने की
चमक पायीं है
मैं तो निम्न कोयले की डली
जल जल राख का ढेर बनीं
राख से ऊपर उठकर
अभी तो तपना है खपना है
तपकर कुंदन बनना है
अभी तो शेष जलना है

घनघोर घटाएं घिर आई है
पर तपस्या ज़ारी है
तप अग्नि में तपकर
कुंदन बनना है
अभी तो शेष जलना है

✍️#अर्पिता पांडेय




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (4)

+

Lekhram Yadav said

आदरणीय अर्पिता जी बहुत खूबसूरत रचना प्रस्तुत की आपने, आपको हार्दिक सादर नमस्कार।

अर्पिता पांडेय replied

बहुत बहुत धन्यवाद आपका सर जी 🙏 सादर नमन ऊ

श्रेयसी said

बहुत सुंदर रचना अर्पिता जी 🙏🙏

अर्पिता पांडेय replied

बहुत बहुत धन्यवाद आपका

उपदेश कुमार शाक्यावार said

कुन्दन बनना हैं....बहुत सुन्दर रचना

अर्पिता पांडेय replied

बहुत बहुत धन्यवाद आपका

सुभाष कुमार यादव said

अद्भुत रचना, श्रेष्ठ भाव। अत्युत्तम।👌👌🙏

अर्पिता पांडेय replied

बहुत बहुत धन्यवाद आपका

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