कोई तो राज़ है जिसे आप हमसे छुपा रहे हैं,
कुछ तो बात है जो आप हमे नहीं बता रहे हैं।
कोशिश पूरी करते हो कि पता ना चले हमे
पर आपकी मुस्कान हमे सब बता देती है,
आप हमसे नज़रें चुराते रहते हो
पर आपकी आँखें उसकी सूरत दिखा देती है।
हम कुछ असमंजस में रहते हैं
क्योंकि वो चेहरा कुछ धुंधला सा दिखता है,
कुछ - कुछ वो मेरे जैसा लगता है।
साॅंसें थमने लगती है ये सोच कि
कहीं वो हम ही तो नहीं जिसे आप हमसे
छुपा रहे हैं,
कहीं वो बात हम ही से तो जुड़ी नहीं जिसे आप
हमे नहीं बता रहे हैं।
""""रीना कुमारी प्रजापत"