जब से तेरी निगाह के लाले हैं पड़ गए
मेरी जिन्दगी के पावं में छाले हैं पड़ गए
सरे राह जब मिले तो उजाले बिखर गए
लेकिन मेरी जुबान पर ताले हैं पड़ गए
हम बेरुखी का आलम सह नहीं सकेंगे
तुझको खबर मिलेगी दुनियां से चल गए
दिन का तुझे सलाम रातो की अलविदा
कई दास हैं शबाब की शमा पे जल गए
कहने को चंद मिसरे सुनने को महफिलें
एक मखमली तरन्नुम में नगमे हैं ढल गए