सावन में मिलना तुम बहार बनकर।
बरस जाऊँगी तुम पर फुहार बनकर।।
ढूँढना तुम मुझे दरिया के आस-पास।
मैं दामिनी सी चमकूंगी करार बनकर।।
सहज तृण बनकर तृप्त हो जाना प्रिये।
रोशनी में नजर आना तुम सहर बनकर।।
तबियत करे अगर तो इशारा कर देना।
इन्द्रधनुष सी फैल जाऊँगी हार बनकर।।
वसुंधरा से दूर क्षितिज के करीब 'उपदेश'।
मिलने का सिलसिला रहा सफर बनकर।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




