सत्य की ज्योति
डॉ. एच सी विपिन कुमार जैन "विख्यात"
सत्य की ज्योति अनन्त जले,
हर हृदय में यह पल-पल पले।
अंधकार का भय कैसा हो,
जब यह प्रकाश कण-कण ढले।
भ्रम के तिमिर को यह हरती,
मन के आँगन को यह भरती।
भेद-भाव की दीवारें तोड़,
एकता का यह स्वर करती।
यह राह दिखाती भटकों को,
उम्मीद जगाती हटकों को।
न्याय की यह पहचान बने,
हर पीड़ित की यह शान बने।
सत्य की आभा निर्मल रहे,
जीवन का हर पथ उज्ज्वल रहे।
यह शाश्वत किरण कभी न ढले,
हर युग में इसका तेज बले।
अडिग रहे जो इस पर निष्ठा से,
मुक्त हो जाएँ हर क्लेश से।
सत्य ही जीवन का सार है,
यह ज्योति ही तो आधार है।