दौलत कमाने की तहजीब जानता हूं।
मजबूरी देखी है कद्र करना जानता हूं।।
मेहनत मजदूरी से काम चलाने वालो के।
हाथो की लकीरों का असर जानता हूँ।।
शिक्षा का अधिकार कानूनन सभी को।
पढ़ाई लिखाई से ज्ञान का असर जानता हूँ।।
पद प्रतिष्ठा हासिल धीरे-धीरे हो जाती।
जिन्दगी में सब्र के संग जीना जानता हूँ।।
मददगार इंसान भी मिल जायेगे 'उपदेश'।
समाज को उनकी जरूरत पहचानता हूँ।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद