ऐ ख़ुदा एक गुज़ारिश है कि
कभी उन्हें इतना वक्त दे दे,
कि वो हमसे बातें कर ले।
कभी उनकी उस मसरूफ़ियत को कम कर दे,
कि वो हमसे भी कुछ मुलाक़ातें कर ले।
वो हर सांस में महसूस होने वाला सुकून है,
वो मेरी ज़िंदगी का सबसे बड़ा ज़ुनून है।
पर मशग़ूल इतना है अपनी ज़िंदगी में
कि हमसे कभी नहीं करता गुफ़्तगू है।
ऐ ख़ुदा एक गुज़ारिश है कि
उनका दिल भी हमारे जैसा हो जाए,
और वो भी हमे याद कर ले।
उनके दिल - ओ - दिमाग़ में कभी तो
हमारा भी ख़याल ला दे,
और वो हमे भी अपने साथ कर ले।
वो हमारे लिए सब कुछ है,
पर पता नहीं वो हमारे बारे में क्या सोचते हैं।
हम तो उन्हें इतना मानते हैं कि
उठते हैं तो याद आते हैं,सोते हैं तो याद आते हैं
खाते हैं तो याद आते हैं,पीते हैं तो याद आते हैं
हर खुशी,हर दर्द में याद आते हैं,
पर पता नहीं हम उन्हें कब याद आते हैं
वो क्या हमे मानते हैं।
💐"रीना कुमारी प्रजापत"💐