सपनों की सुबह मुस्काई
रातों में थकी हारी जब मैं सोई,
उठते ही देखा जब मैंने...।
सपनों की सुबह मुस्काई...।।
भोर हुई जब इतनी जल्दी,
चिड़िया बहुत चहचहाई...।
सपनों की सुबह मुस्काई...।।
गाती चिड़िया नभ गान,
छेड़े तन-मन में मधुर शहनाई...।
सपनों की सुबह मुस्काई...।।
मिटा अंधियारा,
जब उजला सवेरा आई...।
सपनों की सुबह मुस्काई...।।
- सुप्रिया साहू