लिख सकता मगर सामने कह सकता नही।
प्रेम के वशीभूत अनदेखा कर सकता नही।।
रानी का नाम बदला फुसफुसाना कौन चाहे।
उदासी का कलश प्रेम की गंगा में बहाना चाहे।।
शिशु जैसा व्यावहार करता प्रेमिका के सामने।
पत्नि से ऊबा लगता यही आशिकी के मायने।।
प्रेमिका की बाहों मे पनाह सुकून की ललक।
छिपा लेती अपने आँचल में दबा लेती पलक।।
प्रेम में पवित्र क्षण 'उपदेश' एकान्त में सम्भव।
जिसको जो चाहिए लूट लेता वैश्विक वैभव।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद


The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra
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