नर महिषासुरों का करने संहार,
माँ आदि शक्ति लो फिर अवतार,
काम वासना से आतुर ये अमानुष,
मानवता को नित्य करते शर्मसार,
चीरकर सीना करो रक्त का पान,
मिटा रक्तबीजों को करो उपकार,
हर बाला काली, रणचंडी का रूप,
तब मुक्त होगा पापियों से संसार,
नर महिषासुरों का करने संहार,
माँ आदि शक्ति लो फिर अवतार।
🖊️सुभाष कुमार यादव