क्या है अच्छा क्या बुरा अब कुछ सोचिये मत
नेक बनने का पुराना है चलन अब बोलिये मत
सारी दुनिया में सभी मासूम यह मुमकिन कहाँ
बीन बजती है सुनहरी बेसुध होकर डोलिए मत
हर कदम पर एक दरिंदा जान लेने पर तुला है
बेवजह उनपे इनायत का वचन ये खोलिये मत
कौन किसको याद रखता है यहाँ जाने के बाद
क्या मिला क्या खो गया ये तो अब जोड़िये मत
दास दुविधा में घिरा दिल क्या करें क्या ना करें
खाक हैं बंधन पुराने तन्हा दिल को तोड़िये मत