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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

महफ़िल

जब आप आते हो तो क्या खूब महफ़िल
सजती है,
जब आप नहीं आते हो तो महफ़िल
महफ़िल नहीं लगती है।
हमारी महफ़िल के चांद हैं आप,
हमारी महफ़िल में चार चांद लगा देते हैं आप।

लगती होगी दुनियां में कई महफ़िलें
पर हमारी महफ़िल सी महफ़िल कहीं लगती नहीं, जी लेते हैं हम एक महफ़िल में कई जनम
एक महफ़िल भी ऐसी होती है हमारी।

लोगों की महफ़िलें अक्सर गमों में लगा करती है
और जाम नशे के छलकते हैं,
हमारी महफ़िल का गमों से कोई वास्ता नहीं
हमारी महफ़िल में जाम खुशियों के छलका करते हैं।

आज फिर लगने वाली है एक और महफ़िल हमारी, आ जाना हमारी महफ़िल को सजाने
क्योंकि बिना आपके हमारी महफ़िल
महफिल नहीं होती।




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (7)

+

Muskan Kaushik said

Aapne to mahfil m chaar chand lga diye.. bht khoob👏👏

रीना कुमारी प्रजापत replied

बहुत बहुत शुक्रिया

Suman Yadav said

Ji a gaye aapki mahfil mein bahut Sundar likhati ha

रीना कुमारी प्रजापत replied

आपने मेरी कविता पढ़ी और मेरी लेखनी आपको पसंद आई इसलिए बहुत बहुत आभार आपका 🙏🙏🙏🙏

Lekhram Yadav said

हम आपकी महफिल में जरूर आएंगे रीना जी

रीना कुमारी प्रजापत replied

स्वागत है आपका

Vineet Garg said

Bahut khub 👏👏

रीना कुमारी प्रजापत replied

Shukriya

कमलकांत घिरी said

इस महफिल में जाने का तो हमारा भी जी करने लगा, वाह बहुत ख़ूब।

रीना कुमारी प्रजापत replied

तह ए दिल से बहुत बहुत शुक्रिया

Raghav said

Mahfil Saji hun aur Main Na aaun bahut acchi Rachna

रीना कुमारी प्रजापत replied

शुक्रिया राघव जी आपका स्वागत है हमारी महफ़िल में

Devendra Yadav said

कई महफिलों में तनहा घूम रहा था और जब आपकी महफिल में आया तो तन्हाई जैसे जहां से गायब हो गई

रीना कुमारी प्रजापत replied

आपकी प्रतिक्रिया पाकर हम बड़े ही खुश हैं धन्यवाद! मेरी कविता को पढ़ने और उस पर अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए उम्मीद है आगे भी आप हमारी कविताएं पढ़ते रहेंगे और प्रतिक्रियाएं देते रहेंगे🙏🙏

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