सकारात्मक सोच इंसान की बुलंदी का इशारा है,
जिसने सोचा सकारात्मक उसी की नैया को
किनारा है।
सकारात्मक सोचोगे, पाओगे वही जो पाना है,
बिना सकारात्मक सोच तो बस, ज़िंदगी दुःखों
का खज़ाना है।
सकारात्मकता इंसान के लिए संजीवनी बूटी है,
इससे दूर कहाॅं किसी ज़िंदगी का हसीं गुज़ारा है।
मानसिक रूप से मजबूत बनना है तो
सकारात्मक सोचो,
सकारात्मक सोच से दूर - दूर तक खुशियों
का नज़ारा है।
सकारात्मक सोच निखार देती है इंसान को,
सकारात्मकता से ही इंसान का चमकता
यादगार अफ़साना है।
🖋️🖋️ रीना कुमारी प्रजापत