वक्त का मिज़ाज़ कुछ कुछ बदला,
हवाओं के रुख में भी बेहयाई,
चाँद-सितारे भी कुछ बदले बदले नजर आयें,
फूलों की खुशबू भी कुछ फीकी फीकी लगी,
सूरज की वो तेजी न दिखी,
लोगों में भी मायूसी दिखी,
हमे कुछ रास नहीं आया,
ये बदला बदला सा माहौल,
लेकिन अवसाद से बचते रहें !!!!
#संजय श्रीवास्तव