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कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

सच मानो अच्छा लगता है - अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र'

एक सूक्ष्म पल्लव,
कुसुमदल सा,
जीवन जब,
नव आरम्भ है होता,
सच मानो अच्छा लगता है ,
चाहे फिर वो जिसका भी हो,
एक छोटा पौधा हो चाहे,
जिसने बस जड़ अभी हों पकड़ी,
या फिर वो मेरी बिटिया हो,
देख देख मुस्काती हो जो,
इधर उधर कनखी से निहारे,
मातृत्व को पुकारती हो जो,
जीवन जब
नव आरम्भ है होता
सच मानो अच्छा लगता है
चाहे फिर वो जिसका भी हो।

----अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र'




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (8)

+

Lekhram Yadav said

सुप्रभात सहित नमस्कार सर जी आपको भी पुनः नव आरम्भ मुबारक हो और साथ ही शिक्षक दिवस की बधाई हो।

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' replied

आपका बहुत बहुत आभार यादव सर - सुप्रभात सहित नमस्कार

कमलकांत घिरी said

बहुत सुंदर लिखे सर जी दिल खुश हो गया आपके इस नव आरंभ से, बहुत ही बढ़िया।।प्रणाम आपको🙏शिक्षक दिवस की अनंत शुभकामनाएं आपको🙏🙏💐

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' replied

प्रणाम कांत सर - प्रतिक्रिया के लिए दिल से आभार - आपको भी शिक्षक दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं

रीना कुमारी प्रजापत said

बिल्कुल सही कहा आपने,नव आरंभ है होता सच मानो अच्छा लगता है चाहे फिर वो जिसका भी हो.. बहुत सुंदर रचना, शिक्षक दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं💐💐🙏🙏

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' replied

Thank you very much Mam, aapko bhi shikshak Divas ki bahut bahut shubhkamnayein...💐💐🙏🙏

श्रेयसी said

Sach kaha aapne naye phoolon ka khilna bahut achha lagta hai bahut sundar rachnaa . Happy teacher's day 🙏🙏

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' replied

Thank you very much mam 🙏🙏💐💐aapko bhi shikshak Divas ki shubhkamnayein...🙏🙏💐💐

वन्दना सूद said

नव आरम्भ है होता सच मानो अच्छा लगता है चाहे फिर वो जिसका भी हो।👌👌बहुत खूब और बहुत सुन्दर रचना

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' replied

Thank you very much mam for underlying the central idea of poem 🙏🙏

Sanjay Srivastva said

उत्कृष्ट, रचना/संदर्भ👌

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' replied

Bahut bahut abhaar pratikriya ke liye Shrivastav sir , aapki pratikriya ka aana khud m bahut maayane rakhta hai

राजू वर्मा said

जो कमी थी वह दूर हुई है... ...ये सूरज की इक नई किरण है...फिर से उदय हो जीवन सबका....फिर से दिल से यही दुआ हुई है.... .सादर प्रणाम....अशोक जी की नई शुरुआत को

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' replied

Thank you very much Raju Sir 🙏🙏

Chitra Bisht said

Bahut sundar rachna

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' replied

Thank you very much mam

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