चलो अच्छा हुआ खत्म हुआ एक किस्सा
बना था जो जिंदगी का हिस्सा
तोड़कर वह सारे नाते
जो लंबे निभा नहीं पाते
दिखावे के रिश्ते टूटे
ढीली पकड़ से हाथ छूटे
चलो अच्छा हुआ
बेवजह के दिखाए सपने
जो नहीं थे मेरे अपने
बनके बैठे थे मेरे खुदा
अच्छा हुआ जो हुआ जुदा
चलो अच्छा हुआ
दौर खत्म हुआ बंदिशों का
दिल से दिल की रंजिशो का
अब ना किसी का इंतजार
बस अब खुद से करेंगे प्यार
चलो अच्छा हुआ