द्रष्टा भी शिव है
दृश्य भी शिव है
श्रोता भी शिव है
वक्ता भी शिव है
शब्द भी शिव है
मौन भी शिव है
कण कण शिव है
खोजता कहाँ रे मन
तूं भी शिव
मैं भी शिव
आत्मा भी शिव
कौन है दुश्मन ?
कौन है मित्र ?
सब मे समाये शिव है
जहर भी शिव है
अमृत भी शिव है
कौन बुरा है ?
कौन अच्छा है ?
सब शिव है
क्या द्वेष है ?
क्या प्रेम है ?
हर भाव शिव है